यह आयुर्वेदिक चूर्ण सेवन करने से धात, स्वप्नदोष और हस्तमैथुन से आई कमजोरी दूर होकर जवानी लौट आती है। वीर्य गाढ़ा होकर स्तंभन शक्ति बढ़ जाती है। जननेंद्रियों व नाड़ीतंत्र को ताकत मिलती है। इनके सेवन से वीर्य के पश सैल्ज (Pus- Cells) खत्म हो जाते हैं। रोगियों पर आजमाया है, कभी निराशा हाथ नहीं लगी। शीघ्रपतन के रोगियों के लिये अमृत है।
योग:—
वंग भस्म -15 gm
ईमली के बीज की गिरी -20 gm
प्रवाल पिष्टी 20 gm
सुवणॅभस्म 10gm
*रजचभस्म. 20gm
*सालमपंजा 10gm
*रससिंदुर 15gm
*मकरध्वज 25gm
*शुद्धशिलाजीत 100gm
*पुष्पधन्वारस. 10gm
*शंखभस्म. 10gm
*प्रवालपिष्टी 200gm
*अश्वगंधा 200gm
*इलायची 250gm
*शतावर जड़ 50gm
*जायफल 50gm
*पिप्पली 10gm
*अक्कलकरा 200gm
*विदारीकंद 250gm
*गुडुची घनसत्व 100gm
*गोखरु 50gm
मात्रा:—
सभी. को निश्चित मात्रा में लेकर चूर्ण बना ले
रात्रि में गाय के दूध के साथ सेवन करे वाय और कफ प्रकृति वालों को लौंग, जायफल, जावित्री, केसर, तज और दालचीनी का समभाग चूर्ण बनाकर ही सेवन करे
बिना किसी अनुभवी वैध या डॉक्टर के परामर्श के बिना सेवन न करे 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
नोट:— यह शीघ्रपतन, धाँत, स्वप्नदोष के साथ- साथ शूगर के कारण आई कमजोरी में भी जबरदस्त फायदा करती है।
स्वास्थ मंत्रा
डॉ. अभिषेक वर्मा
आयुर्वेदिक चिकित्षक व परामर्श दाता
सेक्सुअल वैलनेस कंसलटेंट
व्हाट्सप्प -9582303149
www.swasthamantra.com
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