सभी प्रकार की यौन
समस्याओं में चमत्कारी प्रभाव दिखाने के लिए विख्यात है यह जड़ी बूटी यारसागाम्बू व
यार्सगुम्बा , हिमालयन वियाग्रा ,या कीड़ा जड़ी जैसे कई नामो से है विख्यात
यदि आप भी बिस्तर पर
हो जाते है फेल जीवनसाथी से नहीं मिला पते है नज़रे शीघ्रपतन,उतेजना की कमी शारीरिक
कमजोरी , अत्यधिक हस्थ्मैन्थुन के परिणाम , लिंग के छोटा, टेड़ा व पतलापन से है
परेशांन
सेक्स पॉवर बढ़ाने का यह
आयुर्वेदिक चमत्कार, रोगों से लड़ने की मिलती है शक्तिआज हम आपको जिस जड़ी-बूटी की जानकारी
दे रहे हैं, वह हिमालय
के अति दुर्गम क्षेत्रों में पाई जाती है। इसके सेवन से मनुष्य के शरीर को कई प्रकार
के रोगों से लड़ने की क्षमता भी मिलती है।सेक्स पावर बढ़ाने में कारगर
इस जड़ी-बूटी को देसी
वियाग्रा से कम नहीं माना जाता। पुरुष इसका प्रयोग कर अपनी सेक्स क्षमता को बढ़ा सकते
हैं। बर्फीले पहाड़ों में पाई जाती है यह जड़ी-बूटीयह देशी वियाग्रा हिमालयी क्षेत्रों
में तीन हजार से पांच हजार मीटर की ऊंचाई के बर्फीले पहाड़ों में पाई जाती है। यह देशी
वियाग्रा चीन में काफी विख्यात है। मध्य प्रदेश के भी कुछेक इलाके में जड़ी-बूटी के
रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।यह जड़ी-बूटी कई नामों से मशहूर लेकिन इसके वास्तविक
गुण को लोग अभी पहचान नहीं पाए हैं। हिमालयी क्षेत्रों में इसे कीड़ा-जड़ी,
जबकि तिब्बत व चीन में यार्सागुम्बा या यारसागम्बू के नाम से
जाना जाता है।तिब्बत व चीन में भी इसका प्रयोग तिब्बत व चीन में कीड़ा-जड़ी को यौनोत्तेजक
व शक्तिवर्धक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।शक्तिवर्धक दवा के रूप में होता है
प्रयोग इसका साइंटिफिक नाम “कोर्डिसेप्स साइनेसिस” है, जिसे हिमालयन वियाग्रा व अल्पाइन ग्रास भी कहा जाता है।यह जड़ी-बूटी है एक कीड़े
के सामान इस जड़ी-बूटी की सबसे बड़ी अनोखी बात यह है कि होती तो यह एक कीड़े के समान
है,
पर इसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी की श्रेणी में रखा जाता है।
नहीं है कोई साइड इफ़ेक्ट-
इसका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है जबकि वियाग्रा दिल के मरीजों के लिए जानलेवा
साबित होती है। सांस और गुर्दे की बीमारी में
भी कारगर इसके अलावा इसका उपयोग सांस और गुर्दे की बीमारी में भी होता है। यह बुढ़ापे
को भी बढ़ने से रोकता है तथा साथ ही शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ाता है।
नेपाल में पाया जाता है
यह कीड़ा-यार्सागुम्बा एक कीड़ा है जो मुख्यतः नेपाल में पाया जाता है। यह कीड़ा भूरे
रंग का होता है जिसकी लम्बाई लगभग 2 इंच होती है। इस कीड़े का जीवन महज़ 6 महीने इसका स्वाद खाने में मीठा होता है। यह कीड़ा यहां उगने
वाले कुछ ख़ास पौधों पर ही पैदा होता है तथा इसका जीवन काल लगभग छः महीने होता है। सर्दियों
में इन पौधों से निकलने वाले रस के साथ ही यह पैदा होते हैं। मई-जून में ये कीड़े करते
हैं अपना जीवन चक्र पूरा मई-जून में यह कीड़े अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं और मर
जाते हैं। मरने के बाद यह कीड़े पहाड़ियों में घास और पौधों के बीच बिखर जाते हैं।आयुर्वेद
में भी होता है प्रयोग
यार्सागुम्बा के इन्हीं
मृत कीड़ों का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है। मई-जून में नेपाल में यार्सागुम्बा को इकठ्ठा करने
की होड़ मच जाती है।गांव के गांव खाली हो जाते हैं इस जड़ी-बूटी को ढूंढ़ने के लिए
इस जड़ी-बूटी को एकत्रित
करने के लिए गांव के गांव खाली हो जाते हैं। लोग पहाड़ों पर ही टेंट लगाकर रहते हैं
और इसे इकठ्ठा करते हैं। यार्सागुम्बा को इकठ्ठा करना नेपाली लोगों के लिए काफी फायदे
का सौदा होता है।
अब हम आपको बताते
इसका एक बहुत ही कारगर योग
यह जड़ी बूटी सुखी
हुयी ही मिलती है यदि आपको यह मिल जाये तो उसको जैतून के तेल में मालकांगनी के साथ इसको पीसकर मिला के 10 ग्राम
छोटी पिप्पल ले सबसे अंत में पीपल को मिला
दे तेल को सूती कपडा बांध कर एक माह तक रख उसके बाद इसका प्रयोग लिंग के उपारी
हिस्से पर करे थोरे ही दिन में लिंग कठोर
व ताकत वर हो जायेगा
इसको बारीक़ पिस कर
उसमे ,अस्वगंधा , सतावर , गोक्षारा , कस्मंदा के फूल , इमली के बीज का चूर्ण , नागरमोथा
,व तमाल्खाना बराबर मात्रा में मिला दे उसके पर इस चूर्ण को सुबह शाम शहदया दूध के
साथ सेवन करे इसके चमत्कारी प्रभाव आप खुद देखते रह जाओगे ना मर्द को भी मर्द बना
सकती है यह औषधि बस इसका प्रयोग किसी जानकार वैध के दिशानिर्देश में ही करे
अपनी सुविधा के लिए आप हमसे यार्सागुम्बा से निर्मित शक्ति वर्धक तेल व पौरुष शक्ति चूर्ण शुद्धता के साथ बना हुआ पूर्ण
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पुरे 3 माह करना चहिये
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