बवासीर बहुत ही पीड़ादायक रोग है। इसका दर्द
असहनीय होता है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है।
बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों
की सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी
बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल बाहर दिखती है। बवासीर को पहचानना बहुत ही आसान
है। मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा और इसके बाद रक्तस्राव, खुजली इसका
लक्षण है। इसके कारण गुदे में सूजन हो जाती है। आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर
बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।
फाइबर युक्त आहार
अच्छे पाचन क्रिया के लिए फाइबर से भरा आहार
बहुत जरूरी होता है। इसलिए अपने आहार में रेशयुक्त आहार जैसे साबुत अनाज, ताजे फल और
हरी सब्जियों को शामिल करें। साथ ही फलों के रस की जगह फल खाये।
छाछ
बवासीर के मस्सों को दूर करने के लिए मट्ठा
बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए करीब दो लीटर छाछ लेकर उसमे 50 ग्राम पिसा
हुआ जीरा और स्वादानुसार नमक मिला दें। प्यास लगने पर पानी के स्थान पर इसे
पीये। चार दिन तक ऐसा करने से मस्से ठीक हो जायेगें। इसके अलावा हर रोज
दही खाने से बवासीर होने की संभावना कम होती है। और बवासीर में फायदा भी होता है।
त्रिफला
आयुर्वेंद की महान देन त्रिफला से हम सभी
परिचित है। इसके चूर्ण का नियमित रूप से रात को सोने से पहले 1-2 चम्मच सेवन
कब्ज की समस्या दूर करने मेंं मदद करता है। जिससे बवासीर में राहत मिलती है।
जीरा
छोटा सा जीरा पेट की समस्याओं बहुत काम का
होता है। जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसने से फायदा मिलता है। या आधा चम्मच
जीरा पाउडर को एक गिलास पानी में डाल कर पियें। इसके साथ जीरे को पीसकर मस्सों पर
लगाने से भी फायदा मिलता है।
अंजीर
सूखा अंजीर बवासीर के इलाज के लिए एक और
अद्भुत आयुर्वेदिक उपचार हैं। एक या दो सूखे अंजीर को लेकर रात भर के लिए गर्म
पानी में भिगों दें। सुबह खाली पेट इसको खाने से फायदा होता है।
तिल
खूनी बवासीर में खून को रोकने के लिए 10 से 12 ग्राम धुले
हुए काले तिल को लगभग एक ग्राम ताजा मक्खन के साथ लेना चाहिए। इसे लेने से भी
बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
हरीतकी
हरड़ के रूप में लोकप्रिय हरीतकी कब्ज को
दूर करने का एक बहुत अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच, रात को
गुनगुने पानी से लेने से या गुड़ के साथ हरड खाने से बवासीर की समस्या से निजात
मिलता है।
बड़ी इलायची
लगभग 50 ग्राम बड़ी
इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस
चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को नियमित रूप से सुबह पानी के साथ खाली पेट लेने से
बवासीर की समस्या ठीक हो जाती है।
आंवला
आयुर्वेद में आंवले को बहुत महत्ता प्रदान की
गई है, जिससे इसे रसायन माना जाता है। यह शरीर में
आरोग्य शक्ति को बढ़ाता है।आंवला पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बवासीर की
समस्या होने पर आंवले के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ पीने से फायदा होता है।
नीम
नीम के छिलके सहित निंबौरी के पाउडर को
प्रतिदिन 10 ग्राम रोज सुबह रात में रखे पानी के साथ सेवन
कीजिए, इससे बवासीर में फायदा होगा। इसके अलावा नीम
का तेल मस्सों पर लगाने और इस तेल की 4-5 बूंद रोज पीने
से बवासीर में लाभ होता है।
गुलाब की पंखुडियां
बवासीर में खून की समस्या को दूर करने के
लिए बहुत ही अच्छा आयुर्वेदिक उपचार है। इसके लिए थोड़ी सी गुलाब की पंखुडी को 50 मिलीलीटर
पानी में कुचल कर तीन 3 दिन खाली पेट लेना चाहिए। लेकिन ध्यान रहें
इस उपचार के साथ केले का सेवन न करें।
इसबगोल
इसबगोल की भूसी, गलत खान-पान
से उपजी व्याधियों को दूर करने की एक ऐसी ही अचूक, प्राकृतिक और
चमत्कारिक औषधि है। इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से से अनियमित और कड़े मल से राहत
मिलती है। इससे कुछ हद तक पेट भी साफ रहता है और मस्सा ज्यादा दर्द भी नही करता।
रात को सोने से पहले एक या दो चम्मच इसकी भूसी को दूध या पानी के साथ लिया जा
सकता है।