छाती में संक्रमण के प्राकृतिक उपचार


छाती में संक्रमण के प्राकृतिक उपचार
छाती के संक्रमण से कैसे बचें
अक्सर सर्दी-जकाम की समस्या बढ़ जाने पर छाती में संक्रमण हो जाता है जिससे सांस लेने में काफी तकलीफ होती है। यूं तो इस समस्या से बचने के लिए काफी दवाइयां मौजूद हैं लेकिन लोग प्राकृतिक उपायों की मदद से इस समस्या से निजात पाना चाहतें हैं। यह नुस्खे पूरी तरह से सुरक्षित भी होते हैं।   

प्याज, नींबू और शहद
छाती में संक्रमण होने पर प्याज, नींबू का रस और शहद को मिलाकर लें। इससे छाती का संक्रमण बिना किसी साइड इफेक्ट के जड़ से खत्म हो जाएगा।  
इस मिश्रण को दिन में अपनी जरूरत के हिसाब से दो या तीन बार भी ले सकते हैं। 

यूकेलिप्टस का तेल
नीलगिरी का तेल एक प्रकार का हर्ब है जिसमें एंटीबैक्टेरियल और एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं। इस तेल को गर्म पानी में डाल कर स्टीम लें। इससे छाती का संक्रमण धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा और आप आसानी से सांस ले पाएंगे। 

लहसुन
लहसुन के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो बैक्टेरिया से शरीर को बचाते हैं। लहसुन को आप सब्जी में पका कर या कच्चा भी खा सकते हैं। लहसुन को किसी भी तरह से खाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह छाती में होने वाले संक्रमण को आसानी से ठीक कर सकता है।  


हल्दी और गर्म दूध
हल्दी एंटी माइक्रोबियल है इसलिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम होता है. यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है.

अदरक और शहद
जब छाती में कफ या किसी प्रकार का संक्रमण हो जाए तो इसे दूर करने के लिए पिसी हुई अदरक में शहद मिलाकर खाएं इससे आराम मिलेगा। आप चाहे तों अदरक का रस निकाल कर इसे शहद में मिलाकर थोड़ा थोड़ा खाने में से भी समस्या से निजात मिलेगा।  

नींबू
छाती में बलगम या संक्रमण होने पर नींबू का सेवन बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद तत्व संक्रमण से निजात दिलाने में मददगार साबित होते हैं। हल्के गर्म पानी में नीबू निचोड़कर गुनगुना ही पिएं। यह रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करेगा और आपको आराम महसूस होगा। 

नमक के पानी से गरारा करना
ज्यादातर लोग छाती में संक्रमण के दौरान इस नुस्खे को अपनाते हैं। गर्म पानी में थोड़ा सा नमक डालकर गरारा करने से रेसपिरेटरी ट्यूब से बलगम बाहर आ जाता है जिससे आपको काफी आराम मिलता है। एक गिलास गर्म पानी में एक या दो चम्मच नमक डालकर गरारा करें। 
सेब का सिरका
सेब का सिरका एक भूरा तरल होता है जो सेबों में खमीर उठने से बनता है। सेब के सिरके में संक्रमणों के उपचार की क्षमता होने के कारण इसका उपयोग हजारों साल से किया जाता रहा है। ठंड से छाती में होने वाले संक्रमण से बचने के लिए शहद के साथ सेब के रस वाले सिरके के सेवन की सलाह दी जाती है। 

हर्बल टी
हर्बल टी छाती में होने वाले संक्रमण के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद विभिन्न प्रकार के हर्ब छाती में होने वाले संक्रमण को दूर कर आराम दिलाते हैं। इसमें मौंजूद हर्ब जैसे अदरक, कैमोमाइल आदि संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टेरिया को खत्म करता है। 
तुलसी
तुलसी और बांसा की पत्तियां  (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इसके नियमित सेवन से छाती में होने वाला संक्रमण धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा और आपको पहले से बेहतर महसूस होगा।